
पुष्पा सिंह राइटर, टीचर, लाइफ कोच एंड हैप्पीनेस कोच एंड काउंसलर
दुनिया में दोस्ती ही एक ऐसा रिश्ता है, जिसे हम खुद बनाते हैं। इसकी सबसे खूबसूरत और मजेदार बात यह है कि इस रिश्ते को बनाने के लिए कोई शर्त लागू नहीं होती। जो मन को भा जाए, वही हमारा दोस्त बन जाता है। मेरे अनुसार, दोस्त की परिभाषा यह होनी चाहिए कि जिसके साथ होते हुए सारे दुख समाप्त हो जाएं, वही सच्चा दोस्त कहलाने का हक रखता है।
जो रिश्ते हमारे जन्म से जुड़े होते हैं, उन्हें हमें निभाना पड़ता है। अगर हम उन्हें ठीक से निभाने में असमर्थ होते हैं, तो कहीं न कहीं उन रिश्तों में खटास या मनमुटाव आ जाता है।
पिछले कुछ सालों में दुनिया के चेहरे में बहुत बदलाव आया है। बदलाव एक भीतरी प्रक्रिया है, जो शरीर या दुनिया में पहले अंदर होती है और फिर बाहर दिखाई देती है। आज हमारे जीवन में हर जगह तकनीक ने अपनी जगह बना ली है, जिसके कारण भावनाएं धीरे–धीरे पीछे हट रही हैं। भावनाओं की कमी या भावनाओं के अतिरेक में बह जाना, दोनों ही जीवन के संतुलन को बिगाड़ने में अहम भूमिका निभाते हैं। आज तो ऐसा लग रहा है कि यह संतुलन गहराई में डूबता जा रहा है, जहां से वापस लौटना मुश्किल है।
बहुत से लोग कहते हैं कि मोह नहीं होना चाहिए। लेकिन कोई उन्हें समझाए कि अगर मोह खत्म हो गया, तो बेटा बाप को बाप और माँ को माँ नहीं समझेगा। फिर दुनिया कैसे चलेगी? वैसे ही भावनाएं भी हमारे रिश्तों को जोड़ने का काम करती हैं। अगर हमसे भावनाएं निकाल दी जाएं, तो रिश्ते कैसे टिकेंगे?
बिगड़ते और टूटते रिश्ते इस बात का सबूत हैं कि अब रिश्ते ज्यादातर फायदे की नजर से निभाए जा रहे हैं। इनमें विश्वास और अपनापन कम हो गया है। ऐसे में हमें अपने दोस्त याद आते हैं, जिनके साथ हम बिंदास और बेबाक हो सकते हैं। दोस्तों के साथ हमें कुछ भी कहने से पहले सोचने की जरूरत नहीं होती, क्योंकि वे हमारी किसी भी बात का बुरा नहीं मानते।
दोस्त हमारी कमियों और खामियों को अच्छी तरह जानते हैं। जब हम गलत होते हैं, तो वे हमें डांटते हैं और जब कुछ अच्छा करते हैं, तो गले भी लगाते हैं। दोस्तों के साथ रहने से एक नई ऊर्जा और उमंग मिलती है। दोस्त की खासियत यह है कि वह हमेशा अपने साथ एक ‘रबर‘ लेकर चलता है, ताकि हमारी गलतियों को मिटाकर हमें खुद को सुधारने और निखारने का मौका दे सके।
आज के अकेलेपन और तनाव भरे माहौल में दोस्ती एक ऐसी दवा है, जो कभी एक्सपायर नहीं होती। दोस्तों की एक प्यारी सी झप्पी सुकून देती है और तनाव को कोसों दूर कर देती है। दोस्त के साथ खड़े होने मात्र से ही मुश्किलें भाग खड़ी होती हैं।
इसलिए दोस्त बनाओ और मस्त रहो। जिंदगी को खुलकर जियो और हर पल को हंसकर बिताओ।